संकल्पना, मिशन और मूल्य
संकल्पना
विद्युत एवं ऊर्जा क्षेत्र में प्रशिक्षण और कौशल विकास हेतु उत्कृष्टता का वैश्विक केन्द्र बनना।
मिशन
किफायती तथा विद्युत सुरक्षा को प्राप्त करने के लिए सीमांत निर्मल विद्युत प्रौद्योगिकियों को सम्मिलित करते हुए विद्युत एवं ऊर्जा क्षेत्रों में मानव तथा संगठनात्मक उत्कृष्टता में वृद्धि करना।
मूल्य
हम अपने उपभोक्ताओं को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करने, अपना ज्ञान साझा करने और उनकी जरूरतों का ख्याल रखने के अपने अभियान और प्रतिबद्धता को महत्व देते हैं।
दृष्टिकोण
हम प्रत्येक विद्युत पेशेवर को उसकी अद्वितीय मानवीय प्रतिभा, चेतना, कल्पना और इच्छाशक्ति का उयोग करने के लिए प्रेरित करने का निरंतर प्रयास करते हैं। हम मिलकर बदलाव लाते हैं।
उद्देश्य
विद्युत और ऊर्जा क्षेत्रों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी बौद्धिक पूंजी की मुख्य क्षमता का उपयोग करना।
विस्तृत व्यापक उद्देश्य
- आगामी तकनीकों में मौजूदा कौशल को बेहतर बनाना, दक्ष मानव संसाधन तैयार करना और रोजगार के अवसरों को अधिकतम करना।
- कार्यक्रमों को विद्युत मंत्रालय के उद्देश्यों और राष्ट्रीय विद्युत योजना 2017-22 एवं 2022-27 के साथ संरेखित करना।
- विद्युत क्षेत्र के कर्मियों को मंत्रालय की पहल जैसे डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस, उदय, 24x7 पावर फॉर ऑल आदि के बारे में पूर्ण जागरूकता प्रदान करना।
- उत्पादन, पारेषण, वितरण, उपकरण निर्माण, और विद्युत व्यापार सहित नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना ताकि मंत्रालय के प्रशिक्षण और कौशल विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
- स्मार्ट सिटी कार्यक्रम, ग्रामीण विकास के लिए स्मार्ट ग्रिड, विकेन्द्रीकृत उत्पादन और वितरण, मांग पक्ष प्रबंधन (DSM), पीक लोड प्रबंधन, और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन आदि पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोग देना।
- नीति और नियामक ढांचे, व्यावसायिक पहलुओं, ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता, विद्युत बाजार, उपलब्धता आधारित टैरिफ और विचलन निपटान तंत्र जैसे विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करना।
विस्तृत रूपरेखा
एनपीटीआई विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट गांव विकास, विकेन्द्रीकृत उत्पादन और वितरण, नियामक ढांचे और व्यावसायिक पहलुओं, मांग पक्ष प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता, विद्युत बाजार आदि क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव करता है, ताकि मंत्रालय के सात लाख मानव संसाधन प्रशिक्षण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
ये कार्यक्रम नए कर्मियों के कौशल को विकसित करने और उनकी रोजगार क्षमता को बेहतर बनाने और व्यावसायिक इंजीनियरों, डिप्लोमा इंजीनियरों, तकनीशियनों, परामर्शदाताओं, उद्यमियों और शैक्षणिक संस्थानों के फैकल्टी के कौशल को सुधारने के लिए आयोजित किए जाएंगे।
- सोलर पीवी, सोलर रूफ टॉप, सोलर बिल्डिंग इंटीग्रेटेड पीवी, सोलर थर्मल तकनीकों सहित प्रोजेक्ट प्लानिंग, क्रियान्वयन, और प्रमाणन का समग्र रूप से प्रशिक्षण देना।
- पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी का परिचय, सरकारी नीतियां और सहायक योजनाएं, पवन संसाधन मूल्यांकन तकनीक, पवन डेटा विश्लेषण, पवन टर्बाइन डिज़ाइन और नींव का अवलोकन।
- बायोमास से ऊर्जा निर्माण का परिचय, बायोमास संसाधन और प्रौद्योगिकियां, गैसीकरण की बुनियादी बातें, और इसके प्रकार।
- छोटे जल विद्युत संयंत्रों के विकास के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- स्मार्ट गांवों का विकास करना, जिससे न केवल राजस्व उत्पन्न होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का विकास भी होगा।
- शहरी केंद्रों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- विकेन्द्रीकृत वितरण उत्पादन (DDG) और माइक्रो-ग्रिड स्मार्ट परियोजनाओं का आयोजन करना।
- सभी नवीकरणीय ऊर्जा मॉड्यूल को स्मार्ट ग्रिड नियंत्रण के साथ एकीकृत करना।
- ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण जैसे मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करना।
- जलवायु परिवर्तन, कार्बन क्रेडिट और वैश्विक तापमान वृद्धि के मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम।
- भारत में विद्युत क्षेत्र के "नियामक ढांचे और व्यावसायिक पहलुओं" पर पाठ्यक्रम।
- 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता जोड़ने का लक्ष्य।
- स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा बाजार लेन-देन, और ऊर्जा प्रबंधन केंद्रों से संबंधित कार्यक्रम।
- "24x7 पावर फॉर ऑल" योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- राज्य वितरण उपयोगिताओं के लिए स्मार्ट मीटर, एएमआई और संबंधित अवसंरचना पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- शिक्षाविद-उद्योग इंटरफेस को बढ़ावा देने के लिए लघु मॉड्यूलर कार्यक्रम।
- "ट्रेन इन इंडिया" अवधारणा का समर्थन करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञों का एक पूल बनाना।
- नवीनतम तकनीकी और प्रबंधकीय सुधारों से अवगत रहने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों के साथ सहयोग।
- प्रशिक्षकों के कार्यक्रमों के माध्यम से एनपीटीआई की आंतरिक मुख्य क्षमता को बढ़ाना।